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कमजोरी
उस दिन हैंड ड्रायर से हाथ सुखाते हुए मैंने सोचा काश आंसुओं को सुखाने के लिए भी ऐसा कोई ड्रायर होता . . फिर मुझे याद आया आंसुओं का स...
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1. तुम्हारे साथ रहकर तुम्हारे साथ रहकर अक्सर मुझे ऐसा महसूस हुआ है कि दिशाएं पास आ गयी हैं, हर रास्ता छोटा हो गया है, दुनिया सिमट...
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सपने कल्पना के सिवाय कुछ भी नही होते ...मगर कभी कभी सपनो से इंसान का वजूद जुड़ जाता है... अस्तित्व का आधार बन जाते है सपने ...जैसे सपनो के ब...
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अपने व्यवहार और संस्कारों के ठीक उल्ट आज की पत्रकारिता से जुडऩे का नादान फैसला जब लिया था तब इस नादानी के पैमाने को मैं समझी नहीं थी। पढऩे, ...
5 टिप्पणियां:
जवाब नहीं ....बहुत गहरी बात कह दिया आपने इस रचना में
"सार्थक रचना.."
प्रणव सक्सैना amitraghat.blogspot.com
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
बहुत सुन्दर
dekhiye, hum bhi aa gaye......cafe se comment kiya isiliye angrezi mei kiya.......ab aaane ki koshish bani rahegi.....
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