ये द्वापर युग नही है न ही सतयुग .
कि यहाँ कंस और रावन जैसे राक्षस मिले
लेकिन ये जो कलयुग है
यहाँ भी लोग कम मायावी नही है
हर बदलते पल के साथ यहाँ लोगों का नजरिया और व्यवहार बदल जाता है
जाने कैसे ये लोग पल भर में प्यार को नफरत और नफरत को प्यार बना कर पेश कर देते है ..............
5 टिप्पणियां:
badi sateek kam shabdon me ghaav kar gayi
kaliyug ka sahi chitran
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
यही तो कलयुग है
यही कलयुग की खासियत है
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
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