पेड़ की छाँव में , गहरी नींद में
कड़ी मेहनत के बाद लू के गरम थपेड़े भी
बसंती हवा जैसे लगते होंगे
उस दिन हैंड ड्रायर से हाथ सुखाते हुए मैंने सोचा काश आंसुओं को सुखाने के लिए भी ऐसा कोई ड्रायर होता . . फिर मुझे याद आया आंसुओं का स...
3 टिप्पणियां:
... बहुत सुन्दर!!!!
बहुत अच्छा लिखा है. अच्छी नींद के लिए मखमली गद्दे नहीं, शारीरिक मेहनत चाहिए.लोगों को मखमली गद्दों पर नींद के लिए तड़पते देखा है, जबकि खुरदरी जगह पर चैन की नींद सोते देखा है.
- कैलाश चंद चौहान,रोहिणी, दिल्ली.
awsome yaar
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