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कमजोरी
उस दिन हैंड ड्रायर से हाथ सुखाते हुए मैंने सोचा काश आंसुओं को सुखाने के लिए भी ऐसा कोई ड्रायर होता . . फिर मुझे याद आया आंसुओं का स...
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दोस्ती के दायरों के बीचोंबीच प्यार के कुनमुनाते एहसास को जब कोई नाम न मिले एक जरुरी जुस्तजू के बीच जब उस नाजायज जिक्र को जुबान न मिले...
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प्रेम का अनुवाद देह होता है किसी ने कहा था मैंने कहा जिस प्रेम का अनुवाद देह है वो प्रेम से कुछ अलग है प्रेम से कुछ कम है उसने कहा ये तुम्हा...
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आज सोचा कि जिंदगी की तन्हाई पर नही हर रात मुझे गुदगुदाता है जिसका अहसास अकेले से बिस्तर की उस रजाई पर लिखू उन बातों पर नहीं जिनसे बे...
3 टिप्पणियां:
Bahut sundar rachana....word verification hata dijiyega, comment karane walo ko suvidha rahegi.
Shubhkaamnaae!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
कितनी ही परछाइयों का
अक्स हूँ मैं
परछाईयाँ तो खुद अक्स हैं
सुन्दर अभिव्यक्ति
हर रंग को आपने बहुत ही सुन्दर शब्दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्तुति ।
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