बुधवार, 29 अक्तूबर 2008

प्रेम और LOVE

दिल की बात................... लव गुरु के साथ ............................................

पिछले कई दिनों से यही शब्द सुनते सुनते कब नींद आ जाती है पता नही चलता दरअसल दिल्ली जैसे शहर में अगर नींद न आने की बीमारी लग जाए तो यहाँ का एफएम खूब साथ निभाता है मैंने भी कुछ दिनों से इसका साथ लिया हुआ है लेकिन संगीत के सुरों के बिच में जो बातें होती वो संगीत से भी ज्यादा मनोरंजक है एक अंजना अनदेखा इन्सान रेडियो पर कितने ही अनदेखे अनजाने लोगो की प्रेम कहानिया सुलझा रहा होता है प्रेम की गिरफ्त में आए लोग और उनकी पोअरेशानी भरी बातें सुनकर कभी अफ़सोस होता है कभी हँसी आती है

प्रेम एक ऐसा शब्द जिसकी शायद कोई परिभाषा नही है समझ सको तो समझो वरना ये कुछ भी नही है जिन सवालों के जवाब ये तमाम प्रेमी लव गुरु और डॉक्टर लव सरीखे रेडियो जोक्केय से जानना चाहते है क्या ये ख़ुद नही जानते जानते तो है लेकिन समझना नही चाहते

प्यार में उलझाने होना ज्याज है लेकिन जिस तरह की उलझनों से अज की जेनरेशन जूझ रही है उन्हें सुनकर तो मुझ जैसे क्लोगो को उलझन होने लगती है जरा गौर फरमाइए .........लव गुरु मै एक लड़के से बहुत प्यार करती थी वो भी मुझसे बहुत प्यार करता था कुछ साल पहले हमारा ब्रेक उप हो गया उसके बाद मुझे किसी और से प्यार हो गया लेकिन अब वो लड़का फ़िर से मुझसे दोस्ती करना चाहता है मई क्या करू लव गुरु प्लेस हेल्प मी ................... मतलब प्यार न हुआ कोई खेल हो गया कल उससे था आज उनसे हो गया

एक तरफ क्र्रिएर को लेकर कोम्पेतिशन दूसरी तरफ़ प्यार की पनडुब्बी का यु हिल दुल कर चलना

न जाने ये राहें अब ले जाएँगी कहाँ खेर सुनते रहिये

दिल की बात ...........लव गुरु के साथ ..................

1 टिप्पणी:

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

कल 31/10/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

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