मैंने
कभी नहीं लिखा था
किसी
को प्रेम पत्र
ये
बात सौ फीसदी सच है
हां
ये कहना थोड़ा अजीब होगा
कि
कभी नहीं किया है प्रेम
मगर
ये देखना दिलचस्प है
कि
कुछ बच्चे लिख रहे हैं
गणित
की कक्षा में
बड़े-बड़े
जटिल सवालों के बीच
एक
दूसरे को
छोटे-छोटे
सरल से प्रेम पत्र
कॉपी
के कागज की पर्चियां बनाकर
जबकि
वो नहीं जानते कि
क्या
होता है प्रेम
और
उनके अध्यापक
एक-दूसरे
पर लगा रहे हैं
अनुशासन
में ढील का आरोप
बना
रहे हैं सख्ती की नई योजना
और
में सोच रही हूं
कोई
तरकीब एक खास कक्षा लगाने की
सजा
नहीं जिसमें समझ दी जाए प्रेम निभाने की ।
2 टिप्पणियां:
वाह ...बहुत सही खयाल आया मन में... सार्थक सुझाव
प्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति......
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