गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

जटिल प्रेम के सरल से प्रेम पत्र


मैंने कभी नहीं लिखा था
किसी को प्रेम पत्र
ये बात सौ फीसदी सच है
हां ये कहना थोड़ा अजीब होगा
कि कभी नहीं किया है प्रेम
मगर ये देखना दिलचस्प है
कि कुछ बच्चे लिख रहे हैं
गणित की कक्षा में
बड़े-बड़े जटिल सवालों के बीच
एक दूसरे को
छोटे-छोटे सरल से प्रेम पत्र
कॉपी के कागज की पर्चियां बनाकर
जबकि वो नहीं जानते कि
क्या होता है प्रेम
और उनके अध्यापक
एक-दूसरे पर लगा रहे हैं
अनुशासन में ढील का आरोप
बना रहे हैं सख्ती की नई योजना
और में सोच रही हूं
कोई तरकीब एक खास कक्षा लगाने की
सजा नहीं जिसमें समझ दी जाए प्रेम निभाने की ।

2 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

वाह ...बहुत सही खयाल आया मन में... सार्थक सुझाव

विभूति" ने कहा…

प्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति......

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