किसी ने कहा था
मैंने कहा
जिस प्रेम का अनुवाद देह है
वो प्रेम से कुछ अलग है
प्रेम से कुछ कम है
उसने कहा
ये तुम्हारा भ्रम है
मैंने कहा
तुम्हारी भाषा ही कमजोर है
जिस तरह पूजा के बाद मिलने वाले
जल का अनुवाद पानी नहीं हो सकता
उसी तरह
प्रेम का अनुवाद देह नहीं बन सकती
तुम्हीं सोचो, तुम्ही बताओ
क्या तुम्हें सिर्फ मिटती हुई वो दूरियां याद हैं
जिनके बाद दो शरीर एक दूसरे में सिमटते गए थे
.
.
एक-दूसरे के शरीर से कोसों दूर भी
लगातार पलती-बढ़ती हुई
उन नजदीकियों को तुमने कौन सी जगह दी है
अपनी स्मृति में
अपनी यादों में
क्या सबसे निचले माले पर बिठा दिया है
उन पलों को
जिनके होने से बचा हुआ है
आज भी
प्रेम का असितत्व
देह से बिल्कुल अलग
बहुत दूर भी
13 टिप्पणियां:
प्रेम का अनुवाद तो हो ही नही सकता ………उम्दा प्रस्तुति।
वाह!
प्रेम है ..तो दूरी कैसी? दूरी कब? दूरी कहाँ?
सही कहा निधी जी प्रेम है भौतिक दूरी वास्तविक दूरी नहीं बन सकती है..प्रेम नहीं है तो शरीर की नजदीकियां भी करीब नहीं ला सकती
सार्थक पोस्ट....
सच है प्रेम का कोई अनुवाद नही होता..
yeh kavita kam aur vichar jyada havi dikh rahey hain
असल में ये कविता एक बातचीतु पर आधारित है जिसमें विचारों का आदान प्रदान हुआ...उसे मैंने कविता के रूप में लिखा है..
जहां तक मेरा ख्याल है स्वपनिल जी..कविता किसी दायरे में नहीं बंधी होती न ही इतनी उनमुक्त होती है कि विचारों के बिना ही कुछ कह दिया जाए..लय मिलाकर
सच है प्रेम का अनुवाद मुमकिन नहीं... बहुत सुन्दर रचना, बधाई.
मुझे नहीं पता था इतना गहरा भी लिखती हो... बेहद उम्दा शिल्प, बढ़िया विचार, बेहतरीन रूपक... बधाई, हिमानी!!
@चंदन... जिस कविता में विचार नहीं, वो कविता कहां हुई, वो शब्दों का संयोजन मात्र हुआ.. त्रासदी तो यही है कि आजकल शब्दों के गट्ठर बहुत मिल रहे हैं, छायावाद की चाशनी में लिपटे हुए.. कविता नहीं मिल रही...
@ajay sir कई चीजें देर से पता लगती हैं सर, हा हा हा हा आपकी हौंसला अफजाई के लिए तहेदिल से आभार...और सार्थक कविताएं लिखने के लिए ही आजकल काफी जद्दोजहद कर रही हूं ताकि एक जरूरी कविता लिख सकूं जिसमें फूल पत्ते भंवरे न हो..हो तो कुछ आपका सच कुछ मेरा सच हम सबका सच जिससे दशा बदले दिशा मिले...उम्मीद आप पढ़ते रहेंगे....
बहुत ख़ूब हिमानी! तुम संवेदनशील हो जो अच्छे लेखन के लिए पहली शर्त है. लिखती रहो. शुभकामनाएं.
थैंक्स माधवी दी
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ... गहन बात कही है ...
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