में खुशियों की खुशबू होती है
बन्दे कि तक़दीर में
ख्वाब कि हकीकत नही
महज आरजू होती है
अफ्सानो कि चांदनी पर
जब असलियत कि धुप पड़ती है
तब जिंदगी की कहानी
पीछे छूट चुके किसी मोड़ की तरफ मुडती है
बेशक होती है
आवाज कुछ कहने के लिए
आँखें होती है देखने के लिए सब कुछ
और हाथ भी होते है करने के लिए बहुत कुछ
मगर खामोश सी जिंदगी
पल भर में सारी ज्ञानेन्द्रियों को अपाहिज बना जाती है
जिस तरफ न जाते है सपने
न सोच ही पहुचती है जहाँ तक
वाही कहीं दूर
जिंदगी की सड़क
हमारा मकाम बना आती है
अमूमन ही होता है ऐसा की हम जिंदगी को चलाते है
अक्सर जिंदगी ही हमें चलाती है
और चला जाती है
7 टिप्पणियां:
अमूमन ही होता है ऐसा की हम जिंदगी को चलाते है
अक्सर जिंदगी ही हमें चलाती है
और चला जाती है
कोई किसी को क्यो चलाये. स्वत: ही चलने दीजिए.
बेहतरीन भाव सुन्दर रचना
जिन्दगी की हकीकत....
धन्यवाद.
आरंभ
बेहतरीन भाव सुन्दर रचना
जिंदगी की हक़ीकत को ...... एक सच को ..... काग़ज़ पर उतार दिया है ..........
''ए ज़िन्दगी तुझसे कोई सिकायत नहीं'' ....बहुत बढ़िया लेख
भावपूर्ण ,तल्ख़ हकीक़त से रु-ब-रु कराती रचना
वाह .....himani जी गज़ब का लिखतीं हैं आप .......!!
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