कभी कभी बातें तय नही होती तुरत फुरत ही मुह से कोई कसीदा निकल पड़ता है ......ऐसा ही एक कसीदा मेरी माँ के मुह से भी निकल पड़ा उस दौरान मैं मीडिया में संघर्ष के किस्से कह रही थी अचानक उनके मुह से निकला ...."पता नही कैसा महकमा है ये !" सुनकर पहले तो मुझे हंसी आई लेकिन फिर लगा कि ये विस्मय बोधक वाक्य मुझसे कुछ न कुछ तो जरुर लिखवा लेगा । यूँ तो बहुत कुछ है लिखने को यहाँ (मीडिया)मगर क्या कह दे और क्या न करें बयाँ , इसलिए सोच नही पा रही हूँ कि क्या लिखूं और क्या नहीं । अच्छी खासी नौकरी कर रहे लोग जब मुझ जैसे बेरोजगार से ये कहते है कि हम तो भैया नौकरी छोड़ने कि सोच रहे है ...फिर ये सवाल भी साथ ही दाग देते है कि "मोहतरमा आप क्यों आना चाहती है इस फील्ड में ? जवाब बेहद आसन मगर सवाल बेहद मुश्किल । आपके साथ हुआ है कभी ऐसा मेरे साथ हर उस बार होता है जब मुझसे ये सवाल पूछा जाता है । मैं परेशान हूँ यहाँ अपने सपनो कि जमीं तलाशने के लिए.. लेकिन जब यहाँ आकर देखती हूँ तो उन सपनो कि हकीकत के साथ जी रहे लोग किसी और हकीकत को अपनाने का सपना पाले हुए है । आज ही किसी से बात कर रही थी तो बातों बातों में उन्होंने मुझे बताया कि यहाँ का माहौल ऐसा इसलिए है कि एक डॉक्टर साडी उम्र डॉक्टर बनकर जी सकता है एक इन्जीनिएर को पता है कि वो एक इन्जीनेइर बनकर अपने परिवार को पालेगा लेकिन एक पत्रकार ताउम्र पत्रकारिता करते हुए जीवन में ज़िन्दगी को जुटा पायेगा ये बहुत विश्वस्निये
बयान नही हो सकता । और भी बहुत कुछ है कहने के लिए अभी तो सफ़र शुरू हुआ है न जाने क्या कुछ देखना और लिखना हो सकता है ......सफ़र जारी है ....संघर्ष भी ..और कलम भी
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6 टिप्पणियां:
जीवन संघर्ष का नाम है और जहाँ संघर्ष है वहाँ थोड़ी बहुत परेशानी हो जाती है...आपका सफ़र मंगलमय हो!!!
सादर वन्दे
इतनी हिम्मत ही आगे ले जाएगी, बस ध्यान रहे हम औरों कि तरह न निकलें
रत्नेश त्रिपाठी
आप दिल की सुनें, लोगों को छोड़ो..लेकिन इस फील्ड में लड़कियों को सफल जल्द भी मिल जाती है, वो जल्द की सफलता के पीछे मत भागना। अगर जिन्दगी में आईने के सामने खड़े होकर खुद को फखर महसूस करते हुए देखना चाहती हैं। आईए इस लाइन में, वो छोड़ इस लिए रहें हैं कि वो बदल नहीं सकते सिस्टम को..अगर संघर्ष करने का इरादा रखती है तो आईए और अजमाई लक। सस्ती शोहरत के पीछे मत भागना आपसे फिर कह रहा हूं।
काम कोई भी आसान नहीं. आसानी एक नज़रिया है.
आपको शुभकामनाएँ. सब बढ़िया रहेगा.
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
संघर्ष मजबूती से जारी रहे और कलम अबाध चलती रहे।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
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