कवितायों में जिंदगी
कुछ कहती हुई सी
कुछ अनकही सी
जिंदगी के अर्थ को
कविता के शब्दों में पिरोना
दिल की हर भावना को
तुक और ताल में भिगोना
आसान तो नही होता
जिंदगी में हंसकर
कवितायों में रोना
लेकिन क्या करे????
कविता का ही तो किनारा है
वरना घर में कहा मिलता है कोई कोना
जिंदगी के अभावो को इस तरह
कविता में भावःमिल जाता है
जिस तरह कीचड़ में
होकर भी कमल खिल जाता है
2 टिप्पणियां:
हिमानी जी,बहुत सुन्दर भाव है।अच्छी रचना है।बधाई।
सच कहा ....
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