फेहरिस्त में है इस बार
कुछ ऐसे सवाल
जिनका कोई जवाब नही है
धुंध हटी है इस तरह कि
परदा हटा है आँखों से और .......................................अब कोई ख्वाब नही है
यकीनन , अरमानो के आशियाने सजाने का शोंक अब भी है हमें
लेकीन .....................................इन्त्कामन
इस शोंक को शिकस्त देकर
अपनी शक्सियत पर इतराते भी हम ही है
करते है बातें बहारों की
सुनते है किस्से जन्नत के
लेकिन ...................................मन्नत में इन्हे मांग ले कैसे ????????
खुशियों के इस क़र्ज़ से डरते भी हम ही है
पा न सके उसे तो हासिल करने की सोची
मिल न सका वो तो मर जाने की सोची
लेकिन न जाने खुदा की खलिश है
या है मेरी किस्मत का कमाल
उसे भूलने कि कोशिश में
हर पल याद करके !!!!!!!!!!!!!!!
जिए जातें भी हम ही है !!!!!!!!.....................................................
7 टिप्पणियां:
या है मेरी किस्मत का कमाल
उसे भूलने कि कोशिश में
हर पल याद करके !!!!!!!!!!!!!!!
जिए जातें भी हम ही है !!!!!!!!.....................................................
bahut khoob
उसे भूलने की कोशिश मे------बहुत बडिया भाव हैं
हिमानी जी मजा आ गया ...आपकी कविता पढ़कर ...बहुत खूब ...बस इतना ही कहूँगा वाह हिमानी जी वाह
बढ़िया है.
बहुत ख़ूब, लिखते रहें
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गुलाबी कोंपलें | चाँद, बादल और शाम | तकनीक दृष्टा/Tech Prevue | आनंद बक्षी | तख़लीक़-ए-नज़र
बहुत खूब कहा
उसे भूलने कि कोशिश में
हर पल याद करके !!!!!!!!!!!!!!!
जिए जातें भी हम ही है
sundar likhaa hai.......bahoot khoob
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