गुरुवार, 13 मई 2010

वापसी का विकल्प

आगे बढ़ना किसे अच्छा नही लगता ....लेकिन ऐसे वक़्त में जब कदम लड़खड़ाने लगे तब .........................................
वापसी का विकल्प होना वरदान सरीखा हो जाता है ........वर्ना तो लौटना आखिर कौन चाहता है बीच सफ़र से

8 टिप्‍पणियां:

kunwarji's ने कहा…

ji bilkul sahi....

kunwar ji,

संजय भास्‍कर ने कहा…

its beautiful

M VERMA ने कहा…

वाकई लौटना कौन चाहता है
पर एक स्थिति में लौटना चाहता है -- अगर बचपन वापस मिल जाये तो !!!!!!!!!

nilesh mathur ने कहा…

वाह! कम शब्दों में बहुत बड़ी बात कह गए!

दिलीप ने कहा…

solah aane sach baat kahi...

Prataham Shrivastava ने कहा…

बहुत खुशी हुई जानकार की आपके पास विकल्प है ,वर्ना कई लोग तो रास्ता ही खोजते रहते है

कुश ने कहा…

गहन जीवन दर्शन छुपा है इन पंक्तियों में..

Prataham Shrivastava ने कहा…

लोगो को शब्दो मै ढालना मैने तो आपसे सीकः लिया है ,आशा है ल लोग भी सीखे !

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