गुरुवार, 15 जून 2017
शुक्रवार, 2 जून 2017
मैं, वो, ये सब
वो नहीं चाहता कि
मैं उसे चाहूं
तो मैं उसे चाहूं कैसे
मैं उसे चाहूं
तो मैं उसे चाहूं कैसे
मैं खुद को भी चाहूं
तो उससे अलग कैसे रहूं
मैं रहती हूं अब
मैं, वो हूं जैसे
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
कमजोरी
उस दिन हैंड ड्रायर से हाथ सुखाते हुए मैंने सोचा काश आंसुओं को सुखाने के लिए भी ऐसा कोई ड्रायर होता . . फिर मुझे याद आया आंसुओं का स...
-
नींद खो गई है भूख सो गई है सिर्फ प्यास लग रही है उफ़ ! ये इश्क कांटे ही थे वो चमकीले कागज में लिपटे हुए हम माना किये गुलाब गिर गए...
-
दोस्ती के दायरों के बीचोंबीच प्यार के कुनमुनाते एहसास को जब कोई नाम न मिले एक जरुरी जुस्तजू के बीच जब उस नाजायज जिक्र को जुबान न मिले...
-
प्रेम का अनुवाद देह होता है किसी ने कहा था मैंने कहा जिस प्रेम का अनुवाद देह है वो प्रेम से कुछ अलग है प्रेम से कुछ कम है उसने कहा ये तुम्हा...