रात, चाँद, मैं और रेल
रास्तों का शोर, सूनी पड़ी सड़कें, बेवफा नींद और तेरी यादों का खेल
भूल बैठी थी कि अब तक याद है मुझे
वो बात वो साथ
वो अनकहे से रिश्ते की
अनजाने ही बढती गई एक अमरबेल
रात, चाँद, मैं और रेल
ख्वाबों की जगह यादों ने ले ली है
एक कोने में जा खड़े हुए हैं ख्वाब
खुश है देखकर
रोतें रोते यूँ
एक दूसरे से लिपटती यादों को
जैसे बरसों बाद मिली हों मुझसे
आज ख़त्म हुई हो जेल
रात, चाँद, मैं और रेल
इन अंधेरों के बीच
गलती से जला रह गया
पीली रौशनी वाला एक बल्ब
तुम हो जैसे
और मेरा किरदार टुब्लाईट जैसा
बुझ बुझ कर जलने वाला
कैसे हो सकता है
और
कैसे हो सकता था ये मेल
रात, चाँद, मैं और रेल
हादसा हो जाता है
इस लड़की की एक परिपाटी है
जिस पर चलती है तो फासला हो जाता है
अब न उड़ान को तालों में बंद कर सकती हूँ
न कस सकती हूँ आसमान की ऊंचाई पर नकेल
रात, चाँद, मैं और रेल
अपनी सी, अनजानी सी रात.. खो गई
चाँद पर पड़ गया बादलों का पर्दा
गर्म चाय समोसे की आवाज ने बताया
सुबह हो गई
अब आगे का रास्ता सूना था
और सड़कों पर था शोर
अब न रात है न चाँद न रेल
रास्तों का शोर, सूनी पड़ी सड़कें, बेवफा नींद और तेरी यादों का खेल
भूल बैठी थी कि अब तक याद है मुझे
वो बात वो साथ
वो अनकहे से रिश्ते की
अनजाने ही बढती गई एक अमरबेल
रात, चाँद, मैं और रेल
ख्वाबों की जगह यादों ने ले ली है
एक कोने में जा खड़े हुए हैं ख्वाब
खुश है देखकर
रोतें रोते यूँ
एक दूसरे से लिपटती यादों को
जैसे बरसों बाद मिली हों मुझसे
आज ख़त्म हुई हो जेल
रात, चाँद, मैं और रेल
इन अंधेरों के बीच
गलती से जला रह गया
पीली रौशनी वाला एक बल्ब
तुम हो जैसे
और मेरा किरदार टुब्लाईट जैसा
बुझ बुझ कर जलने वाला
कैसे हो सकता है
और
कैसे हो सकता था ये मेल
रात, चाँद, मैं और रेल
इस गाड़ी की एक पटरी थी
जिससे ये उतर जाती तो हादसा हो जाता है
इस लड़की की एक परिपाटी है
जिस पर चलती है तो फासला हो जाता है
अब न उड़ान को तालों में बंद कर सकती हूँ
न कस सकती हूँ आसमान की ऊंचाई पर नकेल
रात, चाँद, मैं और रेल
अपनी सी, अनजानी सी रात.. खो गई
चाँद पर पड़ गया बादलों का पर्दा
गर्म चाय समोसे की आवाज ने बताया
सुबह हो गई
अब आगे का रास्ता सूना था
और सड़कों पर था शोर
अब न रात है न चाँद न रेल